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Things you should do when you feel negativity

  1. Every type of persons feel negativity in their daily routine. its normal but sometime its excess is much harmful  to them and they choose a wrong way so there are some steps you should follow when you feel negativity.
  2. Stop whatever you are doing which causes negativity. change the topic or work and do something new which gives you joy.
  3. Stop thinking about your failure and unfulfilled desires sometime it causes of negativity.
  4. Whenever you feel negativity think about your positive thoughts, your achievements, your small success and about the things which gives you joy&pleasure.
  5. Change your mind in other direction do whatever you like
  6. do your hobbies like writing, singing ,painting etc. it will consume your whole negativity and free your mind.
  7. Get motivated by any method like watching motivational videos, inspiring movies like Chak de india, gravity , martian, pursuit of happiness etc there ia lot of movies which fill you with full inspiration.
  8. Go out for picnic or spend time with your friends, family, and relatives which you like mostly and share your problems. they will surely help you
  9. most step is find the root of problem which causes negativity and try to solve it . This step is gives you permanently peace.
  10. listen music it will keep your mind refresh.

live your life.

if you feel these steps are good enough then like , comment and share to help others

best of luck

सोचो और बताओ ,क्या सही क्या गलत

कैसे युग मे जा रहे हैं हम यार , यहां ना कोई किसी का है, ना अपनापन है , बस अपना स्वार्थ अपना मतलब है। रिश्ते तो जैसे बस disposal की तरह हो गए हैं use and throw. हर रिश्ता यहां दम तोड़ रहा है। जब तक मतलब है हर रिश्ता प्यारा लगता है ,हर कोई अच्छा लगता है जैसे ही मतलब निकला तब शायद दुनिया मे सबसे ज्यादा नफरत उसी से होती है , क्यों ? क्या बस अपने लिए जीना ही जिंदगी होती है । इस दुनिया मे इंसानियत नाम की कोई चीज़ होती है, जो शायद अब इंसान के लालच और स्वार्थ के आगे अपने अंत के करीब पहुँच चुकी है। यार अपने लिए तो जानवर भी जीता है तुम तो इंसान हो थोड़ी बहुत तो इंसानियत दिखाओ। दूसरों के लिए तो दूर की बात है चलो अपनो के लिए ही दया दिखा दो उनके दर्द को भी समझ लो तो बहुत है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नही है । लोग सिर्फ अपने और अपने मतलब के लिए जी रहे है । ये जो प्राकृतिक आपदाएं ओर तबाही आ रही है इसके लिए कोई और नही सिर्फ इंसान ओर सिर्फ इंसान ही जिम्मेदार है। अब प्रकृति भी तेरे लालच ओर मतलब से परेशान हो गयी है।

आज जब में देखता हूँ तो भाई भाई का नही है,बेटा-बेटी मां-बाप के नही है। लोग अपनो से ज्यादा दुसरो को महत्व देते हैं उनकी बाते मानते है और इसी वजह से आज परिवार टूट रहे है।पहले परिवार एक दूसरे का सहारा हुआ करता है लेकिन अब अपने मतलब के लिए, जमीन के टुकड़े के लिए , जायदाद के लिए, ओर अपनी झूठी इज्जत के लिए एक दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन बन बैठे हैं। लोग क्यों नही समझते की जिंदगी इनका नाम नही है ये तो ईश्वर का बहुत खूबसूरत तोहफा है इसे ऐसे नश्वर चीजो के पीछे मत बिगाड़ो।

पर अब लगता है जैसे इंसान अपने स्वार्थ के अंधेपन में इतनी दूर निकल गया है जहाँ से वापस आना नामुमकिन है। क्या अब इंसान ने इतना विकास कर लिया है कि उसे अब किसी के सहारे की जरूरत नही पड़ेगी अगर ऐसा है तो ये बिल्कुल गलत है ,ये हमने इस महामारी में देख लिया कि कैसे बड़े बड़े महाशक्ति ओर विकसित देशों को भी मदद की जरूरत पड़ी थी। इसलिए अपने आप को सर्वेसर्वा मानना और मतलब के लिए जीना सर्वथा गलत और अनुचित है । जिसका भविष्य में बहोत भारी दुष्परिणाम भुगतना पड़ सकता है।

शायद यही मशीनी युग है जहाँ इंसान मशीन बनकर रह गया है । मशीनों की तरह अब इंसानो में भी भावनायें और संवेदनायें की कमी हो गयी है।

एक बार अपने लालच ,मतलब औऱ स्वार्थ को अलग रख कर इंसानियत के लिए जी कर देखो शायद जीने का मकसद मिल जाएगा। दुनिया बहुत खूबसूरत लगने लग जाएगी। हम सबको इस बारे में सोचने की जरूरत है।

it continues

में तो एक राही हूँ

Picture is taken from google

ज़िन्दगी के सारे ग़मो को दिल मे दबाकर चलता हूँ,हज़ारों दर्द है इस दिल में फिर भी मुस्कुरा के चलता हुँ

ये ज़िन्दगी मिली है बड़ी मुद्दत से इसको रो कर मैं क्यों गुजारूं, इसीलिए जो मिलता हैं राहो में उनसे मुस्कुरा के चलता हूं।

बड़ा हसीं है जिंदगी का सफर बस थोड़ा हंस कर चलना है, हर मिलने वाले से दिल खोल कर मिलना है 

मैं तो इक राही हुँ मंजिल का मुझे तो मंजिल तक जाना है क्यों रोऊँ मैं हर दफा ,मुझे तो ये ज़िन्दगी हंस कर बिताना है।

जिन्दगी ने जो कर्ज दिए वो चुकाते जा रहा हूँ जिंदगी ने जो फ़र्ज़ दिए वो निभाते जा रहा हूँ , मैं तो मुसाफ़िर हूँ यारों अपनी राहों का, बस इन्हीं राहों पर गुनगुनाते जा रहा हूँ।

ना कोई ठौर है ना कोई ठिकाना है ,मैं तो बस एक राही हूँ मुझे तो चलते जाना है। ना कोई अपना ,ना बेगाना है सब इसी मंजिल के तो राही है, सबकों यूँ ही चलते जाना है।

ना दौलत से प्यार है ना गरीबी से नफ़रत है, बस जितना मिल जाए वो अपनी क़िस्मत है। खट्टी-मीठी यादों का इक छोटा सा ख़जाना है

मैं तो इक राही हूँ मंजिल का मुझे तो चलते जाना है।

@ P.S

वो बारिश की एक बूंद

बहुत समय के बाद आया इसके लिए माफी चाहता हूँ, पर में कुछ व्यस्त था और writer’s block से भी लड़ रहा हूँ।

एक किसान की तपस्या का फल है, बारिश की एक बूंद।

उसकी अनेको समस्याओं का हल है,बारिश की एक बूंद।

प्रकृति के नये श्रंगार का आगाज है,बारिश की एक बूंद।

मन में उमंगो ओर तरंगो का आधार है,बारिश की एक बूंद।

जीवन में ख़ुशी और प्रसनता की सूचक है,बारिश की एक बूंद।

सम्पूर्ण जीवन का संचार है,बारिश की एक बूंद।

धरती को स्वर्ग बनाने का दम रखती है,बारिश की एक बूंद।

सारी मानव जाति के जीवन का आधार है,बारिश की एक बूंद।

कभी रौद्र रूप धरकर मानव को उसकी गलतियों का एहसास करा देती है,बारिश की एक बूंद।

कभी निर्मल रूप धरकर मानव को प्रगती का वरदान देती है,बारिश की एक बूंद।

©P.s

पढ़ने के लिए शुक्रिया ओर आपके विचार सादर आमन्त्रित है।
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शराफ़त

जो शराफ़त का चोला ओढ़कर ,तारीफे बटोर रहें थे, जिनकी शराफ़त के हम ख़ुद भी कायल थे ,पर आज जब पर्दा उठा उनकी शराफ़त से तो पता चला वो तो हमसे भी ज्यादा बेगरत, बेहया थे।

विश्वास हो गया इस दिल को की जमाना हमसे बहुत आगे निकल गया है, हम तहजीब ,शर्म ओर जमीर की बातें करते रहे वो नए जमाने की आजादी में मशगूल हो गए। हम जिन्हें पाना चाहते थे रूह से ,पता चला वो तो जिस्म ओर रूह दोनो का सौदा कर बैठे थे।

जब हारकर निकल भागे उनकी महफ़िल से,यह जानकर की हमारी शराफत का कोई मोल नही, तब पता चला इस महफ़िल को छोड़कर जमानेभर में हमारी शराफत मशहूर हो गयी।

© P.S

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एक बार ओर .. . .

ऐ जिंदगी तू बता अब में क्या कर जाऊ, तेरी हर चोट से टूटकर बिखर जाउ या एक बार और तुझसे लड़ जाउ।

अपने पंखों को समेट कर जमीं पर उतर जाऊ या एक बार और थोड़ा दम लगाकर आसमाँ से भीड़ जाऊ।

ऐ जिंदगी तू बता अब में क्या कर जाउ,,,

इन लहरों से डरकर किनारों पर चला जाउ या एक बार ओर दम भरकर समुद्र की गहराई को माप आउ।

ऐ जिंदगी तू बता अब में क्या कर जाउ ,इन तूफ़ानो से डरकर भाग जाउ या बन कर चट्टान एक बार ओर इनसे टकरा जाउ।

ऐ जिंदगी तू बता क्या कर जाउ

रोज रोज तेरी ठोकर से गिर जाता हूँ अब गिर के थक जाउ या एक बार और उठ कर के खड़ा हो जाउ

ऐ जिंदगी तू बता अब में क्या कर जाउ।

© P.S

चलो यार अब हार ही जाता हूँ

चलो यार अब हार ही जाता हूँ बहुत हो गया अपनो को अपना बनाना अब में खुद बेगाना बन जाता हूँ,

बहुत कर ली फिक्र उनकी जिनको हमारी फ़िक्र ही नही हैं चलो अब में खुद परवाना बन जाता हूँ

चलो यार अब हार ही जाता हूँ।

मना कर थक गया उनको जो बेवजह रूठे हुवे थे, चलो यार अब में ही रूठ जाता हूँ

बहुत भाग लिया जिंदगी में अब थोड़ा थक कर बैठ ही जाता हूँ।

चलो यार अब हार ही जाता हूँ।

क्यों उनके लिए तड़पना जिनको हमारी तड़प ही ना मालूम हो,बहुत कर लिया भीड़ का साथ अब खुद ही अकेले चल देता हूँ।

बहुत जी लिया औरो के लिये अब थोड़ा खुद के लिये भी जी लेता हूँ , चलो यार अब हार ही जाता हूँ।

© P.S

प्यार

बहुत समभाला था ख़ुद को लो आज फिर टूट गया

अपनी रूठी किस्मत का सितारा आज फिर डूब गया।

हमने तो लाख जतन करके रोक लिया है खुद को ,

पर इस दिल के जज्बातों का क्या करे ना बयां कर सकते है, किसी से की कहि आपकी तौहीन ना हो जाये ,आप को पता ही नही जिस प्यार का उसपे आप बदनाम ना हो जाये ।

एक तरफा ही सही पर प्यार तो है, तुम्हे चाहे पता हो ना हो पर एक अजनबी सा इकरार तो है

सोचा आपको बेवफा कह कर खुद को सही सही साबित कर लूँ, पर हमारे दिल ने दगा कर के आपकी गवाही दे दी क्योंकि इसको आपसे प्यार जो हैं।

One thought

One thought often come to my mind and say to me, why you trying ,you always loosing ,look around yourself everyone of your age is enjoying,only you doing something ,live your life with fun without any tension .

I smiled and say yes I will but after achieving my success otherwise those who making fun of life one day life will make fun of them.